Zakir hussain: इस समय का सबसे प्रभावशाली तबला वादक में से एक, जाकिर हुसैन, ने सोमवार को अपने नाम को ग्रैमी अवॉर्ड्स के इतिहास में स्थापित कर दिया। 72 वर्षीय संगीतकार ने सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत प्रदर्शन, समकालीन वाद्य एल्बम, और वैश्विक संगीत एल्बम श्रेणियों में तीन ग्रैमी जीते।
संगीत के दुनिया में एक माहिर की कहानी
जाकिर हुसैन, जिन्होंने अपने संगीतीय सफर में गाँवों से लेकर ग्रैमी स्टेज़ तक का सफर तय किया, एक उदाहरण हैं कि संघर्ष, संघर्ष, और समर्पण से ही किसी भी क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त हो सकती है।
उन्होंने इस अद्वितीय मोमेंट के दौरान ग्रैमी अवॉर्ड्स के सामूहिक मंच पर अपना संदेश साझा किया, “अकादमी को धन्यवाद, इन सभी महान संगीतकारों को एक साथ इतना सुंदर, सघन संगीत देने के लिए धन्यवाद।”
एक साझेदारी का संदेश
उनका संदेश भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है – “प्रेम के बिना, संगीत के बिना, सद्भाव के बिना, हम कुछ भी नहीं हैं।” यह उनकी विश्वसनीय संगीत दृष्टिकोण को दर्शाता है और एक सशक्त समुदाय की आवश्यकता को बढ़ावा देता है।
भारतीय संगीत का गर्व
जाकिर हुसैन की इस अद्वितीय जीत ने भारत को गर्वित किया है और उन्हें संगीत क्षेत्र में एक उदाहरण साबित किया है कि भारतीय कला और संस्कृति दुनिया भर में चमका सकती है।
समाप्ति की तारीख
समाप्ति की तारीख पर, जाकिर हुसैन ने ग्रैमी अवॉर्ड्स के इतिहास में अपना स्थान बना लिया है और उनका संगीत और साझेदारी के सिद्धांत भारतीय समृद्धि का प्रतीक बन गया है।
संक्षेप में
इस अद्वितीय संगीतकार की जीवनी से हमें यह सिखने को मिलता है कि संघर्ष और समर्पण से ही सफलता मिलती है, और संगीत की दुनिया में भारतीय कला का महत्व अच्छे से प्रमोट किया जा रहा है।
Zakir hussain:
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