SP Maurya: समाजवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। इस निर्णय के पीछे उनका कहना है कि उन्होंने नैतिकता के मूल्यों के आधार पर यह कदम उठाया है।
उन्होंने बताया कि उनके साथ नेतृत्व पर भेदभाव किया जा रहा था और उन्हें इस बारे में कोई बातचीत नहीं की गई। उन्होंने अपने इस्तीफे का अधिकारिक ऐलान 13 फरवरी को किया था।
मौर्य ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पत्र साझा करते हुए कहा, “मुझे आपके साथ काम करने का मौका मिला। लेकिन 12 फरवरी को हमारी बातचीत और 13 फरवरी को मेरे इस्तीफे (राष्ट्रीय महासचिव के रूप में) के बाद, मेरे साथ किसी भी बातचीत की पहल नहीं की गई, जिसके कारण मैं प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।”
उन्होंने नेतृत्व पर अपने साथ भेदभाव करने और अपने विवादास्पद बयानों के बारे में भी उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति को एक अलग पत्र में जिक्र किया। इसके परिणामस्वरूप, उन्होंने विधान परिषद से भी इस्तीफा दे दिया।
स्वामी प्रसाद मौर्य का इस्तीफा समाजवादी पार्टी के नेतृत्व में गहरे छेदछाड़ की ओर इशारा करता है। यह घटना पार्टी के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है।
इस घटना से साफ होता है कि नेता नेतृत्व में नैतिकता और संगठन में विश्वास के मामले में कोई संम्बंध नहीं करता है, और यह पार्टी की आंतरिक व्यवस्था पर भी प्रभाव डाल सकता है।
इस संदर्भ में, समाजवादी पार्टी के नेतृत्व को इस मामले को संभालने और पार्टी की एकता को बनाए रखने के लिए कठिनाईयों का सामना करना होगा।
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