Rajya Sabha: राज्यसभा में हुए एक तीखे विवाद ने संसद के आखिरी दिन को गहराई से रंगा। जगदीप धनखड़ और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच हुए विवाद ने संसद की तस्वीर को अलग अंदाज में पेश किया।
विवाद का मुद्दा उच्च सदन के सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे के व्यवहार पर था, जिसका जगदीप धनखड़ ने बड़ा आलोचनात्मक प्रतिक्रिया दिया। धनखड़ ने कहा कि उन्हें खड़गे के व्यवहार से बहुत आहत हुए हैं, और उनकी इस चालाकी ने उन्हें अपने बेटे की मौत से भी अधिक दुखी किया।
संसद के बजट सत्र के अंतिम दिन, इस विवाद की झलक देखने को मिली। कांग्रेस सांसदों ने सरकार पर बोलने के लिए आरएलडी के जयंत सिंह को मंच देने की मांग की, जिसका परिणाम स्थिति में टेंशन का माहौल बन गया।
धनखड़ ने अपनी नाराजगी का इजहार किया और कहा कि सभा में रहने लायक नहीं हैं उन्हें इस तरह का आचरण बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
इस दौरान, लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन के अप्रत्यक्ष संदर्भ में कुछ टिप्पणियाँ भी हुईं, जिससे विवाद का माहौल और भी तनावपूर्ण बन गया।
इस बीच, सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आसन का “अपमान” करने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे से माफी की मांग की।
संसद के अंतिम दिन के बाद, धनखड़ ने अपनी दुखभरी भाषा में कहा कि वह बहुत दुखी हैं। उन्होंने अपनी विरोधी पक्ष के नेताओं पर आलोचना की और उन्हें उनकी विरासत का अपमान करने के आरोप में गिरफ्तार किया।
आखिरकार, इस विवाद ने संसद के अंतिम दिन को एक अदालती रंग दिया, जिसमें संसद के अध्यक्ष ने विवादकों को उनकी भाषा और आचरण के लिए धमकी दी।
यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा करते हुए भी, विवाद के गंभीरता को नकारा नहीं गया।
इस संघर्ष के बावजूद, संसद ने अपनी कार्यवाही को सम्पन्न किया और उम्मीद है कि अगले सत्र में समझौता होगा।
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