QS World Rankings 2025: क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 ने भारतीय शिक्षा प्रणाली के विकास को एक महत्वपूर्ण पहचान दी है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे और दिल्ली ने वैश्विक स्तर पर शीर्ष 150 विश्वविद्यालयों में अपनी जगह बनाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि को भारतीय शिक्षा क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तन का परिणाम बताया है।
QS World Rankings 2025 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, “पिछले दशक में, हमने शिक्षा क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तनों पर ध्यान केंद्रित किया है। यह क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में परिलक्षित होता है। छात्रों, शिक्षकों और संस्थानों को उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए बधाई। इस कार्यकाल में, हम अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए और भी अधिक करना चाहते हैं।”
QS World Rankings 2025 नुन्ज़ियो क्वाक्वेरेली की सराहना
लंदन स्थित उच्च शिक्षा विश्लेषक, क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) के संस्थापक-अध्यक्ष नुन्ज़ियो क्वाक्वेरेली ने पिछले एक दशक में भारतीय विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन में लगातार सुधार को देखते हुए मोदी के नेतृत्व की सराहना की है।
भारतीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में सुधार
क्यूएस रैंकिंग के नवीनतम संस्करण में भारत के 46 विश्वविद्यालय शामिल हैं, जो इसे वैश्विक स्तर पर सातवां सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाला देश बनाता है। इसमें आईआईटी बॉम्बे ने 31 रैंक का सुधार करते हुए 118वां स्थान प्राप्त किया है, जबकि आईआईटी दिल्ली ने 47 रैंक का सुधार करते हुए 150वां स्थान प्राप्त किया है।
अन्य भारतीय विश्वविद्यालयों का प्रदर्शन
- आईआईटी खड़गपुर: 271 से 222वें स्थान पर पहुंच गया।
- आईआईटी मद्रास: 58 रैंक की छलांग लगाकर 285 से 227वें स्थान पर पहुंच गया।
- आईआईटी कानपुर: 278 से 263वें स्थान पर पहुंच गया।
- दिल्ली विश्वविद्यालय: 79 रैंक की छलांग लगाकर 407 से 328वें स्थान पर पहुंच गया।
सुधार की आवश्यकता
क्यूएस रिपोर्ट के अनुसार, भारत को रोजगार परिणाम, संधारणीयता, अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के अनुपात और संकाय-छात्र अनुपात में सुधार की आवश्यकता है। अंतर्राष्ट्रीय छात्र नामांकन और सहयोग को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण होगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का प्रभाव
क्यूएस की मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेसिका टर्नर ने कहा, “भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का साहसिक कार्यान्वयन, शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने और चुनौतियों का समाधान करने के लिए देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने वाले सीखने के माहौल को बढ़ावा देने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम उठाना महत्वपूर्ण है।”
भविष्य की दृष्टि
भारत के उच्च शिक्षा परिदृश्य को आकार देने में स्थिरता, वैश्विक जुड़ाव और रोजगारपरकता पर जोर देना महत्वपूर्ण होगा। ये तत्व भविष्य के संस्थानों को परिभाषित करेंगे और उनकी प्रासंगिकता और सफलता सुनिश्चित करेंगे।
निष्कर्ष
भारतीय विश्वविद्यालयों की बढ़ती सफलता और क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में उनकी उच्च स्थिति देश के शिक्षा क्षेत्र में हो रहे गुणात्मक परिवर्तनों का प्रमाण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व और उनकी भविष्य की योजनाएं भारतीय शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों पर और उन्नत बनाएंगी।
QS World Rankings 2025:
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