Friday, September 20, 2024

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राजनीतिक विवाद में मोदी-मुर्मू की बातचीत: गहराईयों से उभरते सवाल

Political controversy: पिछले कुछ दिनों से बंगाल में राजनीतिक घमासान और उससे उत्पन्न विवादों में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सामने आने वाली समस्याओं पर चर्चा की है। इस विवाद में सांसद कल्याण बनर्जी के खिलाफ चली गई गंभीर आलोचना के बावजूद, यह वार्ता समझदारी और सहजता से समाप्त होने की कड़ी मेहनत कर रही है।

मोदी और धनखड़ की बातचीत:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से बातचीत करते हुए अपनी जुबान से बातचीत की है और उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त की है। धनखड़ ने इस विवाद में सच्चाई का पर्दाफाश करते हुए कहा है कि उन्होंने मोदी को बताया है कि उन्हें भी पिछले 20 वर्षों से अपमान सहना पड़ रहा है। इस बातचीत के माध्यम से मोदी ने दर्द और अफसोस को साझा किया है। धनखड़ ने इस मुद्दे पर राष्ट्रपति मुर्मू को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने विरोध प्रदर्शनों को “गरिमा और शिष्टाचार के मानकों” को पार नहीं करने की बात की है।

धनखड़ ने ट्विटर पर इस बातचीत का विवरण साझा करते हुए कहा कि मोदी ने उन्हें बताया कि वह पिछले बीस वर्षों से इस तरह के अपमान सह रहे हैं। उन्होंने भी राष्ट्रपति मुर्मू को धन्यवाद दिया और उनके साथ किए गए व्यवहार के लिए “निराशा” व्यक्त की है।

मुर्मू का स्थान:

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस विवाद को गंभीरता से लेकर इस पर अपने स्थान का इजहार किया है। उन्होंने विरोध प्रदर्शनों को “गरिमा और शिष्टाचार के मानकों” को पार नहीं करने की बात की है और इस मामले में सख्त रुख अपनाया है।

बनर्जी का उत्तर:

जिस घड़ी बातचीत में मोदी और धनखड़ से मुश्किलों का सामना हो रहा है, वही वक्त कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी के लिए भी कठिनाईयों का है। उनके खिलाफ हुई आलोचना के बावजूद, उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उनका इरादा किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था और उन्होंने यहां तक कहा कि वह दलित हैं और उन्हें जातिवाद के बारे में बात करके लोगों को भड़काना नहीं चाहिए।

सांसदों का संघर्ष:

इस विवाद के बीच, सांसदों के बीच भी आपसी टकराव दिखा जा रहा है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी बुधवार को धनखड़ से मुलाकात की और कहा कि विपक्षी सांसदों का आचरण “अपमानजनक” था।

विवाद के बावजूद, सांसदों ने अपने प्रति अपमान नहीं सहने का स्थान बनाए रखा है और उन्होंने अपने स्थान की गरिमा की रक्षा करने का आलंब बनाए रखा है।

नतीजा:

राजनीतिक घमासान और उसके नेतृत्व में उत्पन्न विवाद से देश के सांसदों के बीच समझौते और गहराईयों में बातचीत की आवश्यकता है। राजनीतिक दलों को विभिन्न मुद्दों पर मिलकर काम करना चाहिए ताकि देश के विकास में अविरलता बनी रहे और लोगों को सामूहिक सुधार का अनुभव हो। इस समय में सभी दलों को सावधानी और सहजता का सामर्थ्य दिखाने का समय है, ताकि देश के नागरिकों को आत्मनिर्भर और समृद्धि की दिशा में बढ़ने में सहायता की जा सके।

Political controversy:

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