PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच हाल ही में उठे ट्वीट वार्ता ने राजनीतिक गतिशीलता को एक नए मुद्दे में फंसा दिया है। प्रधानमंत्री ने हाल ही में अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण पर टिप्पणी की थी, जिसे खड़गे ने खड़े कीचड़ में घोंप दिया। इस बयानबाजी के परिणामस्वरूप, देश की राजनीतिक दलों में बहस और विवाद की धारा बढ़ी है।
मोदी ने अपने भाषण में यह दावा किया कि कांग्रेस का अद्भुत चुनावी अभियान अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण के नाम पर है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में अल्पसंख्यकों को सरकारी नौकरियों के लिए भी प्राथमिकता दी है। इसके बाद, मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री को घोषणापत्र के छिपे एजेंडा का आरोप लगाया।
खड़गे के खंडन में उन्होंने कहा कि उनके घोषणापत्र में ऐसा कोई एजेंडा नहीं है और यह तुष्टिकरण के आरोपों की एक भ्रमजाल है। वे भाजपा और आरएसएस को छुपे एजेंडे का आरोप लगाते हुए कहते हैं कि अगर किसी के पास ऐसा है, तो वह मोदी और उनके संगठन के लोग हैं।
मोदी ने इस बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण की बात नहीं है, बल्कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास के मुद्दों पर जोर देने के बारे में बात कर रहे हैं।
इस तरह के नाराजगी और आरोपों से भरे माहौल में, राजनीतिक दलों के बीच विभाजन बढ़ा है और विपक्ष ने प्रधानमंत्री और उनके संगठन की नीतियों का खुला विरोध किया है।
इस प्रकार, नाराजगी और विवाद के बीच, राजनीतिक मंच पर एक नया दंगल खड़ा हो रहा है, जो आने वाले चुनावी समय में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
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