Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय के समन मामले में राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत में शारीरिक रूप से पेश होते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। इस मामले में उन्हें जमानत भी मिल गई है। यह पहली बार था जब केजरीवाल इस मामले के सिलसिले में अदालत के समक्ष उपस्थित हुए हैं। पिछली सुनवाई में वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए थे।
प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में जांच में शामिल होने के लिए उनके समन की अवज्ञा करने के लिए केजरीवाल के खिलाफ दो शिकायतें दर्ज की हैं। इसमें उनका विरोध है क्योंकि वे इसे अवैध और राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय नीति निर्माण, उसे अंतिम रूप देने से पहले हुई बैठकों और रिश्वतखोरी के आरोपों जैसे विषयों पर अरविंद केजरीवाल का बयान लेना चाहता है।
केजरीवाल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी अनुपस्थिति का कारण उनकी गलती नहीं थी, बल्कि यह आधिकारिक वायदे एवं कार्यों के आधार पर थी। उन्होंने इसे एक राजनीतिक खेल के तहत देखा है और इसे अवैध मानते हैं।
अदालत ने मामले को आगे की बहस के लिए 1 अप्रैल को सूचीबद्ध किया है।
दिल्ली प्रशासन ने अरविंद केजरीवाल के आगमन को लेकर कोर्ट के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी है। शुक्रवार को कोर्ट ने समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
आप नेता संजय सिंह और उनके सहयोगी सर्वेश मिश्रा के खिलाफ भी आरोप लगे हैं। उनके तीसरे आरोपपत्र में, ईडी ने दावा किया है कि ये नेता गोवा में विधानसभा चुनावों के दौरान नीति के माध्यम से रिश्वत का इस्तेमाल करके लाखों रुपये लूटे।
केजरीवाल के पक्ष से यह आरोप है कि केंद्र सरकार के द्वारा उन्हें गिरफ्तार कराकर उनके चुनावी प्रचार को रोकने की साजिश है।
इस समय, अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कामों के लिए बहुत जाने जाते हैं और यह मामला उनके लिए बड़ी चुनौती है। उन्हें अदालती प्रक्रिया के दौरान सच्चाई की जीत के लिए उम्मीद की जा रही है।
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