Karpuri Thakur: योगदान और सामर्थ्य की प्रतीक, कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती पर भारत रत्न का सम्मान
भारतीय राजनीति में एक ऐसा नाम जो सामाजिक न्याय, योजना, और समर्पण का प्रतीक बना, वह हैं कर्पूरी ठाकुर. उनकी 100वीं जयंती के मौके पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें भारत रत्न से नवाजा।
जीवन का परिचय: कर्पूरी ठाकुर, जिनका जन्म 24 जनवरी 1924 को हुआ था, ने अपने जीवन को सार्वजनिक सेवा में समर्पित किया। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में दो बार कार्य किया और उन्हें लोगों के बीच ‘जन नायक’ के रूप में सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने नैतिकता और सादगी के साथ राजनीति का मार्ग दिखाया।
सामाजिक न्याय का समर्थन: प्रधानमंत्री मोदी ने उनके सामाजिक न्याय के सिद्धांतों की सराहना की, जिन्होंने आरक्षण के माध्यम से पिछड़े वर्गों को समर्थन प्रदान किया। उन्होंने यह भी दिखाया कि कैसे उन्होंने नौकरियों में कोटा लागू करके समाज में समानता की दिशा में कदम बढ़ाया।
आदर्श और सादगी का प्रतीक: मोदी ने ठाकुर की सादगी को विशेषकर उनकी शिक्षा के क्षेत्र में किए गए योजनाओं के माध्यम से बयान किया। उन्होंने बताया कि कैसे ठाकुर ने अपनी बेटी की शादी और व्यक्तिगत मामलों के लिए अपना पैसा खर्च किया, जिससे उनकी आदर्शवादिता का प्रदर्शन हुआ।
योजनाएं और प्रतिबद्धता: मोदी ने ठाकुर की प्रतिबद्धता को सराहा, जिन्होंने राजनीतिक यात्रा में अपने आदर्शों की प्रतिबद्धता का पालन किया। उन्होंने बताया कि ठाकुर ने समाज में संसाधनों को उचित रूप से वितरित किया, और उनकी प्रतिबद्धता ने एक समृद्धि और समानता की दिशा में बड़ा योगदान दिया।
उत्तराधिकारिता और राष्ट्रवाद: मोदी ने ठाकुर की उत्तराधिकारिता की भी चर्चा की, जोने उन्होंने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ खड़ा होकर दिखाया। उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि ठाकुर ने अपने आदर्शों के प्रति अपनी विश्वासघात की बजाय उन्हें बनाए रखा, क्योंकि उन्हें लगा कि कांग्रेस अपने सिद्धांतों से भटक गई है।
समापन: कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक समर्पित नेता की श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनकी सामाजिक न्याय की राहों में बड़ी प्रगति हुई। ठाकुर का योगदान आज भी हमें सामाजिक न्याय, सद्गुणता, और नैतिकता की दिशा में प्रेरित कर रहा है।
Karpuri Thakur:
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