JNU Student Elections: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हाल ही में हुए छात्र संघ चुनावों के दौरान एक भयानक घटना का सामना हुआ। बैठक में हुई झड़प और हिंसा ने विश्वविद्यालय की शांति को धधका दिया। यह घटना छात्र समुदाय के भीतर तनाव और आत्मघाती वातावरण का संकेत है।
बैठक में चुनाव समिति के सदस्यों के चयन को लेकर उत्पन्न विवाद ने छात्रों को आपसी झगड़ों में उलझा दिया। विशेषकर, वाम समर्थित समूहों के सदस्यों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों के बीच हुई झड़प ने विश्वविद्यालय को गहरे दरारों में डाल दिया।
वीडियो के माध्यम से जिन घटनाओं का साक्षी बना है, उनमें एक छात्र को समूह से दूर ले जाते समय उसके सिर से खून बह रहा है और दूसरे में एक व्यक्ति को साइकिल उछालते हुए दिखाया गया है। यह साहसिक हिंसा न केवल चौंकाने वाली है, बल्कि यह छात्र समाज के लिए भयानक संदेश है।
छात्र समूहों ने अपनी दोषी ओर इशारा किया है, और इस तरह की हिंसा और आपसी झगड़ों को नियंत्रित करने की ज़िम्मेदारी को लेने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय प्रशासन को तत्काल कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाओं को बार-बार होने से रोका जा सके।
विश्वविद्यालय में छात्र संघ और छात्र समूहों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए न्यायिक और सामाजिक कदमों की ज़रूरत है। आदर्श रूप से, संघर्ष को सुलझाने के लिए संवेदनशील और दायरिक समाधान का अनुसरण किया जाना चाहिए।
अब, जेएनयू के छात्र समुदाय के सदस्यों को आपसी समझदारी का परिचय देने और विश्वविद्यालय के शांतिपूर्ण वातावरण को बनाए रखने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है।
आखिरकार, यह समय है कि हम सभी मिलकर छात्र समुदाय को सामाजिक और राजनीतिक सहयोग के माध्यम से मजबूत बनाएं, ताकि हम सभी अपने विश्वविद्यालय के साथ एक समृद्ध और सुरक्षित भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा सकें।
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