Himachal: हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुए राज्यसभा चुनावों ने कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा चुनावी परीक्षण साबित हुआ है। इन चुनावों में कांग्रेस पार्टी के छह विधायकों की क्रॉस वोटिंग की खबरें सामने आई हैं, जिससे पार्टी को भाजपा के खिलाफ संकट का सामना करना पड़ा है। इसे लेकर कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने भारी आलोचना की है।
विधायकों की अनिश्चितता ने पार्टी में उथल-पुथल मचा दी है। नवजोत सिंह सिद्धू ने इस मामले पर गंभीरता से प्रतिक्रिया दी है और पार्टी की संपत्ति और देनदारियों के आकलन की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा है कि पार्टी से उन लोगों को बाहर निकालना जरूरी है जो सामूहिक भलाई की बजाय अपने व्यक्तिगत लाभ को प्राथमिकता देते हैं।
कांग्रेस के नेता के अनुसार, यह विधायकों के कार्य पार्टी के अस्तित्व को खतरे में डाल रहे हैं और इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी नुकसान हो रहा है। उन्होंने वफादारी को सबसे महत्वपूर्ण माना है और कहा है कि एकजुटता ही पार्टी की ताकत है।
इसके अलावा, भाजपा के प्रति भी नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी भरोसा जताई है। उन्होंने कहा है कि भाजपा मेरे इस्तीफे की अफवाह फैला रही है, लेकिन कांग्रेस एकजुट है और वह जीतने जा रही है।
इसके साथ ही, हिमाचल के मुख्यमंत्री ने भी स्पष्ट किया है कि वह डरने वालों में से नहीं हैं और उन्हें विजयी बनाने का विश्वास है। उन्होंने यह भी कहा है कि वह सदन में बहुमत साबित करेंगे और हिमाचल के लोगों की भलाई के लिए काम करेंगे।
इस राजनीतिक उतार-चढ़ाव में, हिमाचल प्रदेश की जनता की उम्मीदें भी कांग्रेस पार्टी के साथ हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री ने भी यह दावा किया है कि भाजपा की इस्तीफे की अफवाह फैलाई जा रही है और कांग्रेस एकजुट है।
इस प्रकार, हिमाचल प्रदेश की राजनीतिक स्थिति में हलचल बनी हुई है और आगामी समय में देखना होगा कि यह चुनावी उतार-चढ़ाव किस दिशा में मुड़ता है।
Himachal:
यहां पढ़ें: Afghanistan and Ireland के बीच टेस्ट मैच: गुरबाज का टेस्ट डेब्यू और नए खिलाड़ियों का प्रस्तुतीकरण