Delhi Police: दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले के आरोपियों की जाँच में नए कदम उठाए हैं, जिसके तहत आरोपी शनिवार या रविवार को फिर से संसद परिसर में ले जाकर घटना का रीक्रिएट किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, इस कदम का मुख्य उद्देश्य क्राइम सीन को पुनर्निर्माण करके जाँच में सहारा प्रदान करना है।
स्पेशल सेल के सूत्रों के अनुसार, यह प्रक्रिया पुलिस को यह सुनिश्चित करने में मदद करेगी कि आरोपी कैसे संसद भवन में दाखिल हुए और उन्होंने अपनी योजना को कैसे अंजाम दिया। इस साथी प्रयास के तहत, स्पेशल सेल आरोपियों को संसद परिसर के गेट से लेकर इमारत के अंदर तक ले जाएगी।
गुरुवार को आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद स्थिति थी जो स्पेशल सेल को संसद सुरक्षा उल्लंघन के मामले की जाँच में रीक्रिएट नहीं कर पा रही थी। इसलिए, टीम शनिवार या रविवार को उस दृश्य को फिर से बनाने की कोशिश कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, स्पेशल सेल की टीम आरोपियों को उनके गुरुग्राम स्थित फ्लैट तक भी ले जाएगी, जहां उनकी मुलाकात हुई थी। टीम ने 50 मोबाइल नंबरों की एक सूची भी तैयार की है, जिन पर आरोपीगण ने पिछले 15 दिनों में फोन किया था, और पुलिस इन नंबरों को कॉल करके उनकी पहचान कर रही है।
इस समय, दिल्ली पुलिस ने संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में एक महत्वपूर्ण गिरफ्तारी की है, जिसका नाम ललित मोहन झा है। झा ने घटना का वीडियो बनाकर मौके से भाग लिया था, और वह अब पुलिस की पूरी जाँच में सहायक हो सकता है।
दिल्ली पुलिस के एक प्रमुख ने बताया कि झा बस से राजस्थान के नागौर पहुंचा था, जहां से वह दिल्ली लौटकर अपने दोस्तों से मिला और एक होटल में रात बिताई। उसके बाद, जब उसे पता चला कि पुलिस उसे ढूंढ रही है, तो वह दिल्ली वापस आ गया और खुद ही थाने आया।
ललित मोहन झा की गिरफ्तारी के साथ ही दिल्ली पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार हुए आरोपियों को सात दिनों की हिरासत में रख लिया है। इस दौरान, एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने इन आरोपियों को जांच करने और उनके कृत्य के पीछे के वास्तविक उद्देश्यों का पता लगाने के लिए मुंबई, मैसूर, और लखनऊ जाने की अनुमति दी है।
इसके बावजूद, स्पेशल सेल के सूत्रों के अनुसार, टीम इस समय यह जाँच कर रही है कि क्या घटना में छह से सात आरोपी ही शामिल थे या उन्हें अन्य लोगों से भी मदद मिल रही थी।
यह समाचार दिखाता है कि दिल्ली पुलिस कदम से कदम मिलाकर इस मामले की जाँच में अग्रणी भूमिका निभा रही है और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए तरीके अपना रही है। इस तरह की कदमबद्ध जाँच से सामाजिक न्याय और विश्वास का संरक्षण हो सकता है, जिससे लोगों को विश्वास मिलेगा कि कानून और क्रिमिनल गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
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