COVID-19: 30 दिसम्बर 2023
भारत में कोविड-19 के जेएन.1 उप-संस्करण के बढ़ते प्रसार के संकेत मिल रहे हैं, जिसके चलते स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा गठित फोरम INSACOG के आंकड़ों के अनुसार देशभर में इसके 160 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
INSACOG के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर महीने में देश में 145 कोविड मामलों में JN.1 उप-संस्करण की पुष्टि की गई है, जबकि नवंबर में इसके 17 मामले सामने आए थे। इससे स्पष्ट है कि यह नया वेरिएंट तेजी से प्रसारित हो रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे एक अलग “रुचि के प्रकार” के रूप में वर्गीकृत किया है, लेकिन उसने स्वास्थ्य के लिए “कम” खतरा होने की रिपोर्ट की है। इसके बावजूद, केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से निरंतर निगरानी बनाए रखने का आदेश जारी किया है।
भारत में इस नए उप-संस्करण के साथ सक्रिय कोविड मामलों की संख्या 4,000 से अधिक है, जिसके साथ ही आज 5 और मौतें दर्ज की गई हैं।
जेएन.1 सब-वेरिएंट के विस्तार में:
- उप-संस्करण के मामले: भारत में अब तक जेएन.1 सब-वेरिएंट के 162 मामले सामने आए हैं। इसमें केरल में 83, गुजरात में 34, कर्नाटक में 8, महाराष्ट्र में 10, राजस्थान में 5, तमिलनाडु में 4, तेलंगाना में 2, और दिल्ली में 1 मामला शामिल हैं।
- महाराष्ट्र में स्थिति: महाराष्ट्र में इस उप-संस्करण से संक्रमित मरीजों की संख्या 129 है, और 1 जनवरी 2023 से महाराष्ट्र में कोविड-19 से 137 मौतें दर्ज की गई हैं।
- अन्य राज्यों में बढ़ोतरी: केरल, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, और दिल्ली में भी इस वेरिएंट के मामले सामने आए हैं, जिससे सरकारें सतर्कता बढ़ा रही हैं।
कोविड-19 में बढ़ती संख्या और सरकारी कदम:
कोविड मामलों की वृद्धि और जेएन.1 उप-संस्करण के प्रसार के बीच, केंद्र ने राज्यों से निरंतर निगरानी बनाए रखने का कहा है। सरकारें नए कस्टम और निगरानी के उपायों को बढ़ावा देने का निर्णय लिया हैं ताकि यह वायरस तेजी से नहीं फैले।
निष्कर्ष:
जेएन.1 उप-संस्करण के बढ़ते प्रसार के मध्य, सतर्कता और स्वच्छता बढ़ती होनी चाहिए। लोगों को सावधान रहने और सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए उत्साहित किया जाता है। कोविड-19 के खिलाफ सामूहिक योगदान और जागरूकता के माध्यम से ही हम इस महामारी को हरा सकते हैं।
COVID-19:
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