Captain Miller: भारतीय फिल्म निर्देशक अरुण मथेश्वरन की आगामी रिलीज ‘कैप्टन मिलर’ ने एक अनसुनी कहानी को चरित्रित करने का प्रयास किया है, जो 1987 में तमिल ईलम मुक्ति संघर्ष के दौरान हुई एक सच्ची घटना पर आधारित है। धनुष ने इस फिल्म में प्रमुख भूमिका निभाई है, और इसे लेकर निर्देशक ने एक साक्षात्कार में अपने विचार साझा किए हैं।
फिल्म का आधार
अरुण मथेश्वरन ने बताया कि फिल्म का आधार उनके चाचा के सेना में होने वाले अनुभव से आया था। उनके चाचा ने उन्हें 1987 में श्रीलंकाई गृहयुद्ध के दौरान हुई एक घटना के बारे में बताया था जो ब्लैक टाइगर्स के पहले हमले का संकेत कर रही थी। इससे उन्हें एक रोचक और उत्तेजक कहानी लिखने का आवसर मिला।
स्वतंत्रता-पूर्व युग में सेट किया गया
मथेश्वरन ने बताया कि इस कहानी को स्वतंत्रता-पूर्व युग में सेट करने का फैसला किया गया ताकि इससे सामाजिक और राजनीतिक विवादों का सामना न करना पड़े। फिर भी, वह दावा करते हैं कि यह एक दर्दनाक कहानी है जिसमें वे एक सच्ची घटना को दर्शकों के सामने प्रस्तुत करना चाहते हैं।
ब्लैक टाइगर्स डे और फिल्म का ट्रेलर
फिल्म का ट्रेलर ब्लैक टाइगर्स डे के कुछ दिन पहले जारी किया गया था, जो वास्तविक जीवन में कैप्टन मिलर के हमले की याद दिलाता है। ट्रेलर में धनुष को सशस्त्र और नकाबपोश दिखाया गया है, जिसने प्रशंसा और उत्साह में वृद्धि की है।
प्रशंसा और श्रद्धांजलि
फिल्म के प्रदर्शन के साथ ही, लोगों में उत्साह और प्रशंसा दिखाई दे रही है। तमिल ईलम और दुनिया भर में ब्लैक टाइगर्स डे के मौके पर लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रहे हैं।
निष्कर्ष
‘कैप्टन मिलर’ एक ऐसी फिल्म है जो एक सच्ची घटना को आत्मसात करने का प्रयास कर रही है और दर्शकों को तमिल ईलम मुक्ति संघर्ष के दौरान हुई घटनाओं के बारे में जागरूक करने का माध्यम बना रही है। फिल्म का प्रमोशन और प्रशंसा मिलने पर, यह दिखाता है कि ऐसी कहानियां जिनमें राष्ट्रीय और सामाजिक महत्व हो, लोगों को प्रभावित कर सकती हैं और उन्हें अपने इतिहास और संघर्षों के प्रति अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान कर सकती हैं।
Captain Miller:
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