Barabanki: अयोध्या में निकलते हुए राम मंदिर का भव्य निर्माण देशवासियों के लिए संतुष्टि का कारण बन रहा है, और अब इस मंदिर के 3D मॉडल के निर्माण का क्रियाशील हिस्सा बन रहा है। बाराबंकी के देवा क्षेत्र में स्थित रजौली गांव में महिलाएं और लड़कियां इस मॉडल के निर्माण में लगी हुई हैं, जो उन्हें रोजगार का सुनहरा अवसर प्रदान कर रहा है।
Barabanki: राम मंदिर के निर्माण के साथ ही उससे जुड़ी वस्तुओं की मांग बढ़ रही है, और इसमें राम मंदिर के 3D मॉडल की भी शामिल है। इस मॉडल की तैयारी में मीडियम डेंसिटी फाइबरबोर्ड, जिसे एमडीएफ वुड कहा जाता है, का उपयोग हो रहा है। इससे एक तीन मंजिला भव्य राम मंदिर का 3D स्वरूप तैयार किया जा रहा है, जिसकी मांग देश और विदेश से आ रही है।
नवीनतम तकनीक का उपयोग करते हुए मंदिर के हर हिस्से की बारीक कटिंग की जा रही है, और फिर इन हिस्सों को महिलाओं को सौंपा जा रहा है, जो उन्हें मजबूत बांड से जोड़ रही हैं। इस काम में लगने वाली महिलाओं को एक घंटे का समय लगता है, और उसके बाद मंदिर का भव्य 3D स्वरूप तैयार हो जाता है। इस तकनीक के साथ तैयार किए गए मॉडल में बारीक नक्काशी भी स्पष्ट रूप से दिखती है।
रजौली गांव के इन दिनों दरजनों महिलाएं और लड़कियां इस मॉडल के निर्माण में सहभागी हैं। मंदिर के मॉडल निर्माण में जुटी सुमित्रा, सरिता, रूबी, गोल्डी और हरिओम ने बताया कि वे लखनऊ से राम मंदिर के हिस्सों की कटिंग कर उन्हें असेम्बलिंग के लिए मिलता है। इसके बदले उन्हें 25 रुपये पीस का मेहनताना मिलता है, जो उनकी आत्मनिर्भरता में सहारा बन रहा है।
महिलाओं का कहना है कि राम मंदिर के मॉडल बनाने से उन्हें बहुत सुखद अनुभूति हो रही है और यह न केवल एक रोजगार का साधन है, बल्कि इससे उन्हें अपने समाज में गर्व का अहसास हो रहा है। राम मंदिर ने इन महिलाओं के लिए एक नया राह खोला है, और वह अब तक सैकड़ों मंदिर के मॉडल बना चुकी हैं।
मंदिर के 3D मॉडल बनाने वाले निमित सिंह ने बताया कि इस प्रयास से बहुत से ऑर्डर आ रहे हैं और इससे महिलाओं और लड़कियों को गांव में ही रोजगार का अवसर मिल गया है। वह तीन अलग-अलग साइज में मंदिर के 3D मॉडल तैयार कर रहे हैं और अब तक करीब पांच हजार मॉडल का ऑर्डर प्राप्त हो चुका है। साथ ही, इन मॉडल्स के साथ लोगों को श्रीराम ज्योति के तौर पर दीपक भी मिल रहा है, जो इस पूजनीय क्षेत्र को और भी अनूठा बना रहा है।
इस पहल के माध्यम से राम मंदिर के निर्माण में सहयोगी बने महिलाओं की मेहनत और संघर्ष को सलाम है, जो एक नए भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। यह पहल न केवल रोजगार का साधन है, बल्कि सामाजिक रूप से भी एक महत्वपूर्ण कदम है जो महिलाओं को समाज में अधिक सकारात्मक रूप से शामिल होने का अवसर प्रदान कर रहा है।
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