Jammu and Kashmir: 24 दिसंबर, जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी को आतंकवादी गोलीबारी मारकर हत्या कर दी गई है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में पुलिस अधिकारी मोहम्मद शफ़ी की जान गंवा दी गई है। शहर के गैंटमुल्ला इलाके में हुई इस हमले के पीछे के कारणों को लेकर पुलिस ने त्वरित जाँच का आदान-प्रदान किया है।
आतंकवादियों ने श्री मोहम्मद शफ़ी को मस्जिद में अज़ान पढ़ते समय हमला किया। पुलिस के अनुसार, इस हमले में अधिकारी चोटों से घायल होकर निधन हो गए। इसके पश्चात, सुरक्षा बलों ने इलाके में घेराबंदी कर दी है और जांच जारी है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने घटना के बाद पुंछ जिले में हत्या हुई तीन नागरिकों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी देने की घोषणा की है। इससे स्पष्ट है कि प्रशासन ने आतंकवाद के खिलाफ न केवल सख्ती से कदम उठाए हैं, बल्कि उन्होंने पीड़ित परिवारों के साथ भी सहानुभूति व्यक्त की है।
इसी समय, पुंछ जिले के बफलियाज इलाके में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई है, क्योंकि राजौरी सेक्टर के डेरा की गली क्षेत्र में आतंकवादियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान जारी है।
पिछले हफ्ते ही, जम्मू-कश्मीर में हुए एक और हमले में भारतीय सेना के जवानों पर हमला किया गया था, जिसमें चार सैनिक मारे गए थे। सेना ने बताया कि वह इस मामले की जांच कर रही है और आतंकवादियों को पुनः जीवंत करने की योजना को रोकने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा तलाशी अभियान जारी है।
इस बीच, रक्षा सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान और चीन की गठजोड़ ने भारत के लद्दाख सेक्टर से सैनिकों को हटाने और जम्मू-कश्मीर सेक्टर से बाहर निकलने के लिए एक बड़ी योजना का हिस्सा बना रखा है। इस योजना का उद्देश्य आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारतीय सेना को दबाव डालना है।
यह वार्ता बता रही है कि जम्मू-कश्मीर में बढ़ते आतंकवादी हमलों के खिलाफ सख्ती से नहीं तो विदेशी ताकतों के साथ मिलकर कठिनाईयों का सामना करना होगा। भारत सरकार को इस मुद्दे पर सकारात्मक रूप से कदम उठाने की जरूरत है ताकि इस क्षेत्र में स्थिरता और शांति की स्थापना हो सके।
Jammu and Kashmir:
यहाँ पढ़े: डब्ल्यूएफआई चुनाव विवाद: खेल और राजनीति के बीच मनोहर लाल खट्टर का संदेश