Kharge: नई दिल्ली, 20 दिसम्बर 2023:
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने इंडिया ब्लॉक के पीएम चेहरे बनने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, कहते हुए कि अब उनका प्रमुख उद्देश्य भाजपा के खिलाफ आगे बढ़ना है।
Kharge: चुनावी रणनीति में एक बड़ा कदम:
इसके बाद, विपक्षी दलों के बीच चर्चा हुई, जिसमें तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस नए रुप में कांग्रेस अध्यक्ष के पीछे अपना समर्थन जताया है। हालांकि, ममता बनर्जी ने खड़गे का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया है, लेकिन उन्होंने सिर्फ इस संकेत को दिया है कि एक दलित पीएम को प्रोजेक्ट करना उचित होगा।
खड़गे ने कहा, “ध्यान बीजेपी के खिलाफ जीतने का है, ना कि चेहरे का चयन करने का:” खड़गे ने इस निर्णय को सुनाते हुए कहा, “अब प्रमुख उद्देश्य यह है कि हम भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर आगे बढ़ें, और इसमें हमें एक चेहरे का चयन करने की आवश्यकता नहीं है। हमें चुनाव जीतने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए।”
ममता बनर्जी ने सिर्फ संकेत दिया:
ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर खुद को सीधे नहीं प्रकट किया है, लेकिन उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए इस संकेत को दिया है कि एक दलित पीएम का चयन गठबंधन के लिए उपयुक्त हो सकता है।
खड़गे का नाम खारिज क्यों? आंतरिक सूत्रों के मुताबिक, खड़गे ने इस प्रस्ताव को खारिज करने का कारण बताया है कि उन्होंने कभी भी दलित जाति की राजनीति नहीं की है और वे समाज में सामंजस्य और समानता के लिए खड़े रहे हैं। उन्होंने यह भी दिखाया है कि उन्होंने कभी भी खुद को जातिगत नेता के रूप में प्रस्तुत नहीं किया है और गरीबों के लिए काम करते रहे हैं।
चुनावी योजना में बदलाव:
इस घड़ी में, इंडिया ब्लॉक ने सीट-बंटवारे पर चर्चा को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है और राज्यों में सीट-बंटवारे पर सहमति हासिल करने का आश्वासन दिया है।
राहुल गांधी, प्रियंका गांधी से कांग्रेस की आग्रह:
इसी बीच, यूपी कांग्रेस ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा और खड़गे से राज्य से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने का आग्रह किया है। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा, “उत्तर प्रदेश राजनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण राज्य है और रायबरेली और अमेठी लंबे समय से पार्टी के गढ़ बने हुए हैं। गांधी परिवार का इन निर्वाचन क्षेत्रों के लोगों के साथ व्यक्तिगत संबंध है।”
समाप्तिकरण:
इस नए घटनाक्रम के साथ, चुनावी रणनीति में एक नया मोड़ आया है, जिसने सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से एक नई चरण में कांग्रेस की राजनीति को चुनौती दी है। इस समय, उत्साही रहना और राष्ट्र की उन्नति के लिए मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि आने वाले चुनाव देश के भविष्य को निर्धारित करेंगे।
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