Himanta Sarma: हिमंत सरमा जी की ताजा बातों के द्वारा यह स्पष्ट होता है कि उन्हें आयकर विभाग के नए नोटिस के माध्यम से 1,823.08 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया है। इसके संबंध में उन्होंने कांग्रेस को लेकर आलोचना की है, कहते हुए कि सरकार को कर का भुगतान नहीं करना गरीबों को लाभ से वंचित करने के समान है।
हिमंत सरमा जी का आरोप है कि कांग्रेस ने टैक्स के भुगतान में कई संकेत दिखाए हैं, जिससे गरीबों और वंचितों को उनके हितों से वंचित किया जा रहा है। इसके अलावा, उन्होंने कांग्रेस को “कर आतंकवाद” के संदर्भ में भी आलोचित किया है, जिससे यह सुझाव दिया गया है कि कांग्रेस ने आर्थिक रूप से विपक्षी दलों को कमजोर करने की कोशिश की है।
हिमंत सरमा जी ने यह भी माना है कि कर भुगतान एक परोपकारी क्रिया है, क्योंकि यह सार्वजनिक कल्याण के लिए जरूरी है। उनके अनुसार, कांग्रेस को नोटिस कर आतंकवाद नहीं माना जाना चाहिए, बल्कि यह कर अनुपालन का परिणाम है।
इस बयान से स्पष्ट होता है कि हिमंत सरमा जी कांग्रेस के खिलाफ अपनी आपकी राय रखते हैं और उन्हें विश्वास है कि सरकार को टैक्स की जरूरत है ताकि सार्वजनिक सेवाओं को संभाला जा सके। इसके साथ ही, उन्होंने कांग्रेस के प्रदर्शनों पर भी विराम व्यक्त किया है और चुनाव प्रचार में अधिक ध्यान देने की सलाह दी है।
इस पूरी घटना को देखते हुए यह उचित है कि सरकार और विपक्षी दलों के बीच इस प्रकार की विवादित मुद्दों को समझा जाए और समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। इससे ही देश के विकास और सामाजिक समृद्धि की दिशा में हमारे लिए सबसे अच्छा हो सकेगा।
Himanta Sarma:
यहां पढ़ें: कैलाश गहलोत ईडी जांच में शामिल: आबकारी नीति मामला