Nirmala Sitharaman: बजट 2024 की दृष्टि से शिक्षा क्षेत्र में नए दिशा-निर्देशों की प्रतीक्षा
भारत सरकार ने अपनी आगामी अंतरिम बजट में शिक्षा क्षेत्र को मजबूती और विकास के पथ पर ले जाने के लिए कई उपायों का सुझाव दिया है। इस नए दौर में, शिक्षा को मानव संसाधन निवेश से लेकर एनईपी लक्ष्यों को पूरा करने तक कई क्षेत्रों में सुधार का हिस्सा बनाया जाएगा।
1. प्राथमिक शिक्षा में सुधार:
- प्राथमिक शिक्षा में गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए एक ‘प्रारंभिक कक्षा’ या ‘बालवाटिका’ की शुरुआत का सुझाव दिया गया है।
- अतिरिक्त शिक्षकों को प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त करने के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा।
2. प्रोफेशनल विकास और शिक्षक क्षमता:
- शिक्षक क्षमता को बढ़ाने के लिए विशेष कार्यक्रमों और संगठनों का समर्थन किया जाएगा।
- नई तकनीकों और शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
3. पीएम पोषण और स्वयं जैसी योजनाएं:
- शिक्षा में पोषण को बढ़ावा देने और स्वयं जैसी योजनाओं को समर्थन करने के लिए बजटीय सहायता का प्रस्ताव है।
- यह सुनिश्चित करेगा कि छात्रों को स्वस्थ और सकारात्मक पर्यावरण में शिक्षा प्राप्त हो।
4. वित्तीय सहायता और उद्योग-शिक्षा सहयोग:
- उद्योग-अकादमिक सहयोग को मजबूत करने के लिए वित्तीय सहायता को प्राथमिकता दी जाएगी।
- शैक्षणिक संस्थानों और उद्योगों के बीच सुरक्षित संबंध बनाए जाएंगे, जिससे विकसित होते नौकरी बाजार के साथ शैक्षणिक पाठ्यक्रम का बेहतर तालमेल हो।
5. भारतीय ज्ञान प्रणाली को समर्थन:
- पाठ्यक्रमों में भारतीय ज्ञान प्रणाली को शामिल करने के लिए विकास और उन्नयन के लिए नए पाठ्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
- उच्च शिक्षा संस्थानों में कलाकारों और कारीगरों को शामिल करने के लिए कला और विज्ञान में प्रोफेशनल अभिविन्यास को बढ़ावा देने का प्रस्ताव है।
इस बजट से स्पष्ट है कि सरकार शिक्षा को राष्ट्रीय शिक्षा नीति और आईसी2 के साथ मिलकर मजबूती और सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा को एक नए युग की शुरुआत के रूप में तैयार करने का यह प्रयास समृद्धि और विकास की ऊंचाइयों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Nirmala Sitharaman:
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