Shankaracharya: उत्तराखंड के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने हाल ही में राम मंदिर को अधूरा बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है। इस विचार से उन्होंने प्रधानमंत्री की ‘हिंदुओं की जागरूकता’ में योगदान को सराहा और उन्हें हिंदू समाज के समर्थक के रूप में देखा है। इससे पहले उन्होंने राम मंदिर के उद्घाटन समय पर शास्त्रों के पालन में कमी का आरोप लगाया था।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना है कि वे मोदी विरोधी नहीं हैं, बल्कि वास्तव में उनके समर्थक हैं। उन्होंने कहा कि मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जो हिंदुओं के साथ मजबूती से खड़े हैं और उनकी जबरदस्त जिम्मेदारी लिए हुए हैं। उनकी तारीफ करते हुए शंकराचार्य ने कहा, “मोदी जी ने हिंदुओं को एक साथ लाने का कार्य किया है और वह उनके समर्थक हैं।”
इस बयान से साफ है कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मोदी सरकार को उनके सामाजिक और धार्मिक कार्यों के लिए सराहा दिया है। उनके इस प्रशंसा का सीधा संबंध राम मंदिर के विषय से हो रहा है, जिसे लेकर हाल ही में उन्होंने कुछ बयानात दिए थे।
राम मंदिर के उद्घाटन के समय, शंकराचार्य ने इसे ‘अधूरा’ बताया था और उन्होंने शास्त्रों के पालन में कमी का आरोप लगाया था। उनकी इस चिंता के बावजूद, उन्होंने मोदी सरकार की दिग्गज जिम्मेदारी को समझा है और उन्हें समर्थक बताया है।
शंकराचार्य का बयान हिंदू समाज के बीच एक मुद्दे पर मत रखता है और यह दिखाता है कि राम मंदिर के विषय में भी विभिन्न दृष्टिकोण हो सकते हैं। उनकी तारीफ से यह सामग्री मिलती है कि मोदी सरकार के धार्मिक निर्णयों का समर्थन करते हुए भी उन्होंने एक न्यायपूर्ण दृष्टिकोण रखा है।
इस घटना से स्पष्ट है कि राम मंदिर के विषय में समाज में विभिन्न मत हो सकते हैं और धार्मिक नेताओं की रायें भी भिन्न हो सकती हैं। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की तारीफ से यह साफ होता है कि धर्मिक मुद्दों में विचार-विमर्श की आवश्यकता है और भिन्न मतों का सम्मान करना चाहिए।
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